आप एक student हो तो ये लेख आपके लिए बहुत मद्दद गर साबित होनेवाला है। क्युकी इस लेख से आप जानेंगे प्रोटीन के बढ़े मे। इस लेख से आप को बताऊँगा Protein क्या है? (Protein in hindi), प्रोटीन का काम क्या है, प्रोटीन कैसे बनता है इत्यादि बहुत कुछ जानकारी मिलेगा।
आप कोई exam की तैयारी कर रहे हो तो ये लेख तो आपको बहुत मदद करेगा। exam मे protein से बहुत सबल पूछा जाता है। इसलिए इस लेख को ध्यान से अंत तक पढ़ो और प्रोटीन के बारे में पूरी जानकारी हासिल करो। तो चलिए आज की लेख सुरू करते है।
प्रोटीन क्या है? – What is Protein in Hindi?
प्रोटीन एक अमीनो एसीड की श्रृंखलाओं से बना बड़ा जैविक अणुओं है। प्रोटीन हमारे सरीर मे मजुत एक बहुत important तत्वों है। प्रोटीन हमारे शरीर का तंत्र, शारीरिक वृद्धि और अन्य भागों के विकास और नवीनीकरण के लिए जरूरी होते हैं। protein हमारे शरीर मे शारीरिक बृद्धि,cell division मे DNA synthesis मे मदद करता है। इसके आलाबा ये प्रोटीन हमारे शरारी का tissue का निर्माण और मरम्मत करने मे, एंजाइम, हार्मोन और एंटीबॉडी का उत्पादन करने मे बहुमहान भूमिका निभाता है। हमरे शरीर मे ऊर्जा प्रदान करता है। 1 ग्राम protein से लगभग 4.1 calorie ऊर्जा बनता है।
प्रोटीन कार्बन, hydrogen और Oxygen से बने होते है। इसके अलबा protein मे 16% nitrogen और कुछ सल्फर भी होता है। कुछ प्रोटीन मे फँसफरस और इयोडीन भी होता है।
प्रोटीन amino acid का श्रीनखला है। अमीनो अम्ल एक तहह का कार्बनिक पदार्थ होता है। ये amino acid peptide band के द्वारा एक के बाद एक अमीनो अम्ल जोड़ कर protein का निर्माण करता है।
Note – प्रकृति मे 300 प्रकार के अमीनो अम्ल पाए जाते है। इनमे से 20 प्रकार के अमीनो अम्ल प्राणी और पौधा में मिलता है।
ये 20 प्रकार के अमीनो अम्ल मिल कर प्रोटीन का निर्माण करता है। इन 20 अमीनो अम्ल मे से प्राणी के शरीर मे 10 प्रकार के अमीनो अम्ल होता है इसे अननिबर्या अमीनो अम्ल (Non-essential amino acid) कहा जाता है। बाकी 10 अमीनो अम्ल भोजोन से मिलता है इसे अनिबर्या अमीनो अम्ल (essential amino acid) कहा जाता है।
इहाँ पर आपको ये 20 प्रकार का अननिबर्या अमीनो अम्ल (Non-essential amino acid) और अनिबर्या अमीनो अम्ल (essential amino acid) के बड़े मे बता देता हु।
अनिबर्या अमीनो अम्ल (essential amino acid) | अननिबर्या अमीनो अम्ल (Non-essential amino acid) |
आर्जीनीन (Arginine) | एलेनीन (Alanine). Ala |
हिस्टिडीन (Histidine) | अस्पराजिन (Asparagine) asn |
आइसोल्यूसीन (Isoleucine) | सिस्टीन (Cysteine) |
ल्यूसीन (Leucine) | अस्पर्तते (Aspartate) |
लाइसीन (Lysine) | ग्लूटेमिक अम्ल (Glutamic acid) |
मिथिओनीन (Methionine) | ग्लुटामान (Glutamine) |
फेनिलएलनिन फेनिलएलनिन (Phenylalanine) | ग्लाइसिन (Glycine) |
थ्रीयोनीन (Threonine) | प्रोलीन (Proline) |
ट्रिप्टोफेन (Tryptophan) | सेरीन (Serine) |
वैलीन (Valine) | टीरोसिने (Tyrosine) |
प्रोटीन का खोज किसने किया था? – Who discovered protein in hindi?
प्रोटीन को सबसे पहले खोजा था एक Dutch chemist मूल्डर (Gerardus Johannes Mulder) किया था। पर प्रोटीन का नाम दिया था एक Swedish chemist बर्जेलियस (Jöns Jacob Berzelius) ने 1838 मे। बर्जेलियस ने protein शब्दों को एक greek word ‘proteios’ लिया जिसका मलब है “primary”, “in the lead”, or “standing in front” है।
प्रोटीन कैसे बनता है? – Formation of protein hindi
हमारे शरीर मे कोशिका के अंदर प्रोटीन का निर्माण होता है। कोशिका (cell) मे मजुत RNA, ribosome मिलके प्रोटीन का निर्माण करता है। कोशिका के अंदर RNA और ribosome कौन सा sequence में अमीनो अम्ल को जोड़ ना है और कौन सा प्रोटीन बनाना है वह DNA के gene मे मजुत Code तय करता है और उसी हिसाब से RNA protein का निर्माण करता है।
सबसे पहले DNA से mRNA का निर्माण होता है इसे trancription कहते है। Trancription के समय RNA में Protein बनाने की code add कर देता है। mRNA में 3 peptide Bond को एक amino acid का code रहता है। उसके बाद mRNA कोशिका के केंद्रक से cytoplasm मे मजुत ribosome मे जाके ribosome के साथ जुड़ जाता है। फिर कोशिका के Cytoplasm में tRNA होता है। ये tRNA कोशिका में माजूत Amino acid पाकर कर mRNA में anticodon में जुड़ता है और amino acid दे देता है। और mRNA gene के code के अनुसार amino acid को अनुक्रम में जोड़ता है और polypeptide chain बनाता है। Protein बनने से पहले amino acid का श्रीखाला को Polypeptide chain कहां जाता है। इसे translation कहां जाता है। फिर ये amino acid का chain में जब 10000n का mass होता है और 100 से ज्यादा amino acid जुड़ना complete हो जाता है तब ये Protein बन जाता है।
अलग अलग protein में अलग अलग amino acid अलग sequence में peptide bond के द्वारा जुड़े होते है।
इसी तरह कोशिका के अंदर Protein बनता है।
प्रोटीन का संरचना – Structure of Protein in Hindi
Protein का संरचना को चार स्तर में भाग किया गया है। वह है Primary Structure, Secondary Structure, Tertiary Structure और Quaternary Structure।
Primary Structure
Protein संरचना का इस स्तर में protein का polypeptide chain समानांतर में होता है। इस तरह की प्रोटीन मोतियों की माला की तरह होता है। मतलब ये रेखीय आकार का होता है।
एक और एक से ज्यादा polypeptide chain मिलकर protein का निर्माण करता है। Protein का एक polypeptide chain amino-terminal (N) से सुरु होता है और carboxyl-terminal में अंत होता है। ये translation से बनता है।
Primary protein amino acid का polymer होता है इसलिए इस तरह की protein में amino acid का sequence बदल दिया जाए तो protein बदल जायेगा और एक अलग प्रकार का protein बन जायेगा।
Secondary Structure
Primary structure मे fold होने के बाद secondary structure बनता है। secondary structure में दो प्रकार का structure होता है एक है alpha helix (@-helix) और beta-plated (β-plated) structure। इन दोनों structure में दो से ज्यादा polypeptide bond hydrogen bond में जुरता है।
1948 में Linus Carl Pauling ने ये चार दो प्रकार संरचना का पता लगाया था इसलिए इसको 1954 में nobel prize मिला था।
@-helix
इस structure में polypeptide chain एक काल्पनिक रेखा के चारों और clockwise दिशा मे एक कुण्डली बनाता है। इसमे कुण्डली hydrogen bond से जुड़े होता है। ये hydrogen bond amino acid की carbonyl group के oxygen atom के साथ चौथे number का अमीनो ऐसिड का amino group का hydrogen atom के साथ जुड़ कर bond बनाता है। मतलब इसका आकार DNA से मिलता है।
β-plated –
ये structure का protein zigzag या टेढ़ा-मेढ़ा आकार में होता है। इसमें protein के polypeptide chain का amino acid एक दूसरे के opposite direction में होता है। इसमें दो zigzag polypeptide chain parallel में होता है और दो polypeptide chain Nitrogen Bond से एक दूसरे से जुड़ा होता है।
Tertiary Structure
secondary structure का दो प्रोटीन और fold होके जुड़ जाता है उस structure को Tertiary structure कहां जाता है। इसमे प्रोटीन सिकुड़कर एक गोलाकार आकार का हो जाता है।
Quaternary Structure
इसमे एक से ज्यादा polypeptide chain hydrogen bond से जुड़ कर एक गोलाकार प्रोटीन का निर्माण करता है। इस प्रकार के protein जल मे गुलनशील होता है।
प्रोटीन का प्रकार – Type of protein in hindi
A) Protein के आकार के हिसाब से protein को दो भागो में भाग किया गया। एक है तंतुबात प्रोटीन या fibrous protein और दूसरा है गोलाकार प्रोटीन या Globular Protein।
तंतुबात प्रोटीन या fibrous protein
जो protein तंतु जैसा होता है उसे उसे Fibrous protein कहां जाता है। तंतु जैसे रेशम का धागा होता है उसी तरह का ये protein होता है।
ये simple और secondary structure का protein कहां जाता है। ये पानी में घुलनशील नहीं होता। इन्हें संरचनामत्क protein कहां जाता है। ये कोशिका और tissue को दृढ़ बनाता है और एक कोशिका को दूसरे कोशिका में बंधे रखने का काम भी करता है।
कुछ fibrous protein का उदाहरण है संयोजी उत्तक का Collagen, पेसियों का actin या myosin protein, मकरियों के जाले में पाए जाने वाला Scales, बाल में, नाखून में, सींग में पाए जानेवाला किरेटिन इस तरह का प्रोटीन है।
गोलाकार प्रोटीन या Globular Protein
ये protein polypeptide chain सिकुड़ जाने के बलित होकर गोलाकार रूप का प्रोटीन बनाता है। ये protein Tertiary Structure और Quaternary Structure का protein है।
ये protein पानी में घुलनशील होता है। ये क्रियात्मक protein है। ये मेटाबोलिक प्रतिक्रिया करने में सहायता करता है।
इसका कुछ उदाहरण है –
रुधिर में मजूत immunoglobulins, globulins, albumins, enzymes, कुछ hormones, पेशियों का myoglobins, histone protein, दलों में पाए जाने वाला prolamins गोलाकार प्रोटीन का उदाहरण है।
B) Protein के रासायनिक संरचना के हिसाब से protein को 3 भागो में भाग किया गया। वह तीन प्रकार का प्रोटीन है simple protein, conjugated protein, Derived protein।
सरल प्रोटीन (Simple protein) –
सरल प्रोटीन मे सिर्फ अमीनो अम्ल है। ये प्रोटीन पनि मे घुलन शील होता है।
इसका उदाहरण है Albumin, Globulin, Glutalins, Protamines, Prolamins, Histones इत्यादि।
संयुग्मिक प्रोटीन (Conjugated Protein)
इस प्रोटीन मे अमीनो अम्ल के साथ दूसरे अन्य पदार्थ का अनु समूह में जुड़े होते है। यहाँ पर जो अन्य पदार्थ का अनु को prosthetic group कहां जाता है।
जैसे Nucleoprotein, Lipidprotein, Glycoprotein, Hemoprotein इत्यादि।
ब्यूत्पन्न प्रोटीन (Derived protein)
ये प्रोटीन सरल या संयुक्त प्रोटीन के विघटन से प्राप्त होते हैं।
जैसे protiose, peptones, metaprotein इत्यादि इसका उदाहरण।
Protein का कार्य क्या है? – Function of protein in Hindi
प्रोटीन हमारे शरीर का बहुत गुरुतबापूर्ण तत्ता है और ये हमारे शरीर मे बहुत सारे काम करता है। हमारे शरीर मे मजुत है अलग अलग प्रकार का प्रोटीन और इन अलग अलग प्रोटीन का अलग अलग काम है। तो चलिए अब जान लेते है की कौन प्रोटीन हमारे शरीर मे क्या क्या काम करता है।
शरीर का संरचना करने मे सहायता करता है : –
जीब शरीर की संरचना (structure) बनाने मे कुछ प्रोटीन important role निभाता है।
- जैसे – कोशिका, रिबोसोमस, लबक, गुणसूत्र का भित्ति या membrin का निर्माण करता है।
- तबचा, रोम, ऊन, नाखून, सींग पर केरातिन (Keratin) प्रोटीन रक्षात्मक आबरण बनाता है।
परिबहन करता है –
कुछ प्रोटीन महत्वपूर्ण अणुओ को परिबहन करता है।
- जैसे Serum albumin प्रोटीन बसा (fat) के अणुओ को कोशिका के बीच पहुँचता है।
- Haemoglobin उत्तकों तक oxygen पहुँचता है।
- Lipoproteins लिपिड अणुओ को रुधिर प्लाज्मा से आंत्र, यकृत एबं उत्तकों तक पहुँचता है।
Enzyme के रूप में काम करता है –
बहुत सारे प्रोटीन Enzyme के रूप में काम करता है और बिभिन्न जेब क्रियाओ का नियमन करता है।
Hormon के रूप में काम करता है
कुछ protein harmane के रूप में काम कार्य करता है। जैसे अग्र पिटुटरी का somatotropic एक प्रोटीन है जो शरीर का बृद्धि का नियमन करता है।अग्न्याशय (pancreas) से स्रावित insulin एक प्रोटीन है जो ग्लूकोज का नियमन करता है।
सुरक्षा करता है –
कुछ प्रोटीन antibodies का काम करता है शरीर को सुरक्षा देता है। ये बाह्य पदार्थ से शरीर को सुरक्षा करता है।
- जैसे रुधिर मे पाए जाने वाले thrombin तथा fibrinogen रुधिर का थक्का बनने के सहायता करता है और हमारे शरीर को सुरक्षा करता है।
विषाक्त पदार्थों भी होता है –
कुछ protein toxins भी होता है।
- जैसे सर्प का बिष एक प्रकार का toxin protein।
- कपास का बीज का gossypin
- रोगजक bacteria के protein
इयाके आलाबा प्रोटीन का बहुत सारे काम है।
Protein का स्रोत क्या क्या है?
आप protein क्या है ये जान लिया अब ये जान लीजिए की क्या क्या खाने से हमे protein मिल सकता हैं। यहां पर आपको शाकाहारी मांसाहारी दोनो स्रोत के बड़े में बता देता हु।
शाकाहारी स्रोत : -सोयाबीन, मसूर, चना, मूंग, मसूर, उड़द, राजमा, लोभिया गेहूँ, मक्का, दूध, मटर इत्यादि में Protein होता है। इसमें से सोयाबीन में सबसे ज्यादा protein होता है।
मांसाहारी स्रोत :- मांस, मछली, अंडा, एवं यकृत प्रोटीन के अच्छे मांसाहारी स्रोत हैं।
Protein के कारण होने वाले रोग क्या क्या है? -Diseases for protein in Hindi
जीव के शरीर में हर चीज एक मात्र में होता। उस मात्रा से कुछ कम होता है या ज्यादा होता है तो शरीर में अलग अलग बीमारी हो जाता है। इसी तरह शरीर में protein का कम या ज्यादा होने से हमारे शरीर में अलग अलग बीमारी हो जाता है। तो चलिए देखते है को protein के कारण हमारे शरीर में कौन सा बीमारी होता है।
प्रोटीन कमी से होने वाले रोग :-
बच्चों में प्रोटीन की कमी से क्वाशियोर्कर (Kwashiorkor) एवं मरास्मस (Marasmus) नामक रोग हो जाता है।
वज्राशियोर्कर (Kwashiorkor):- इस रोग में बच्चों का हाथ पाव दुबला पतला हो जाता है एवं पेट बाहर की ओर निकल जाता है।
मरास्मस (Marasmus):- इस रोग में बच्चों की मांसपेशियां ढीली हो जाती है।
> इसके अलावा प्रोटीन के कमी से शरीर में कीटोन की मात्रा बढ़ जाती है जो कि एक विषैला पदार्थ है।
प्रोटीन की अधिकता से होने वाले रोग :-
• अत्यधिक प्रोटीन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, जिससे स्ट्रोक और कैंसर हो सकता है।
Important question of protein in Hindi
Protein का नामकारण कीसने किया था?
Ans) बर्जेलियस ने
प्रोटीन का खोज कीसने किया था?
Ans) मूल्डर ने
कितने प्रकार अमीनो अम्ल मिलकर प्रोटीन का निर्माण करता है?
Ans) 20 प्रकार का अमीनो अम्ल मिलकर
मरस्मस रोग किसकी कमी से होता है?
Ans) प्रोटीन की कमी से
मनुष्य के शरीर मे कितने प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता है?
Ans) 15%
शरीर की body building block किसे कहाँ जाता है?
Ans) प्रोटीन को
प्रोटीन मे कितने प्रतिशत nitrogen पाया जाता है?
Ans) 16%
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Conclusion
आज की इस लेख से अपने जाना Protein के बड़े में। अपने जाना protein क्या है, (Protein in Hindi), protein के प्रकार, protein के कार्य इत्यादि। मुझे उम्मीद है की इस लेख से आपको protein के बड़े में अच्छा खासा जानकारी मिला है।
में कोशिश करते हु की एक पोस्ट के अंदर किसिभो चीज के बड़े में पूरी जानकारी देने की। मेरा ये कोशिश कितना सफल हुआ ये मुझे comment करके जरूर बताना। और इस तरह को नया नया जानकारी के लिए हमारे website में visit करते रहना।
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