क्या आप जानते हो URL kya hai? और कैसे काम करता है? नहीं तो इस लेख को पढ़ो इस लेख में आपको बताऊंगा URL क्या है और URL meaning in hindi। आप एक internet user हो औ आप Internet के बढ़े में जानकारी रखना पसंद है तो आपको इस लेख को जरूर पढ़ना चैहिये। आप Internet छोटे छोटे चीजो के बढ़े में जानकारी रखोगे तो आपको internet use करने में और भी मजा आएगा। इसलिए इस लेख को पढ़ो और internet जे जुड़ी URL के बढ़े में पूरी जानकारी लो। तो चलो आज की लेख सुरु करते है।
URL का full form क्या है? – URL full form in Hindi?
URL का full form हैं
Uniform Resource Locator
(यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स लोकेटर)
URL का मतलब क्या है? – Meaning In Hindi?
URL का full form है Uniform Resource Locator इसका meaning है Internet में उपलब्ध संसाधनों का पता। URL आपको Internet में मजूत किसी भी संसाधनों तक ले जाते है।
URL क्या है? – What is URL in Hindi?
एक बात में कहा जाए तो Internet में मजूत किसी संसाधन (Resource) की पता(address) को URL कहते है। URL internet की किसी भी resources तक पहचान ने का रास्ता है। URL के जरिये आप internet में किसी भी संसाधन जैसे किसी file, photo, video या कोई webpage में पहुंच पाते हो और उहाँ से आप उस संसाधन को देख पाते हो।
Internet में बहुत सारे चिज मजूत है जैसे webpage, video, audio, photo, file और भी बहुत कुछ। इतने सारे चीजों के बीच आप यदि किसी एक video या photo में पहुंचाना चाहते हो तो उसके लिए जरूरी है उस चीज की पता। उसी पता के मदद से आप उस video या photo में पहुंच सकते हो और उसे देख पाते हो। Internet में इसी तरह internet में मजूत किसी संसाधन से पहचाने काम करता है URL। जो कि उस संसाधन की पता होती है।
URL को link भी बोला जाता है। कयूकी url के मदद से webpage को एक दूसरे के साथ link करता है मतलब जोड़ त है।
जैसे आप यदि इन website में पहच न चाहते हो तो आपको इस site कि URL मतलब पता चाहिए। आपके पास इस site की URL है तो आप इस URL को किसी भी browser में type करके इस website में पहुंच सकते हो और आपके पास इस website कि url नहीं है तो आप google में इस site की नाम search करोगे तो google आपको इस website की url देखा देगा उहाँ से आप इस website में पहुंच पाते हो।
जैसे इस site की URL देखने मे https://gyaanduniya.in/ इस तरह है। इसी URL के जरिये आप इस website में पहुंच सकते हो।
URL का आविष्कार किसने किया?
अब आपको बता देते है कि URL Ka Avishkar Kisne Kiya?
URL का खोज सबसे पहले 1914 में Tim Berner Lee ने किया था जो WWW का आविष्कार किया था।
Tim Berner Lee में सबसे पहले url का idea दिया था और हर एक web page को एक unique identity देने की बात किया था। जैसे World wide web में किसी भी page को आसानी से खोजा जा सके।
URL की भाग – URL Parts in Hindi.
हर एक URL की निर्दिष्ट structure होता है। इस Structure को URL syntax भी कहा जाता है। URL में अलग चीज को जोड़ कर एक complete URL बनता है। URL structure में हर एक part का एक नाम है और एक अलग काम है।
URL में अलग अलग भाग का नाम है
- Protocol
- Separator
- Subdomain
- Domain
- Directory
- Resource
Protocol
Protocol किसी भी URL की सुरु में होता है। ये browser के साथ server कि connection बनाने में मदद करता है और आपके सामने आप जो resource को देखना चाहते हो उसे देखने में help करता है। Protocol कोई भी url में साबसे पहले होता है।
Example :- https://www.gyaanduniya.in/
इस URL में red color की part को protocol कहते है।
Internet में अलग अलग type की protocol है। कुछ type की protocol है http, ftp, file etc।
http : – इस protocol का full form है hypertext transfer protocol. Internet में किसी website या webpage को access करने के लिए इस Protocol का use होता है मतलब browser से server को request भेजने के लिए और server से browser में resource या डेटा भेजने के लिए इस protocol का use किया जाता है।
https : – ये protocol http की secure version है। इस protocol का full form है hypertext transfer protocol secure। इस https protocol data को encryption form में बदल देता है और data की security प्रदान करता है।
ftp : – ftp का full form है File Transfer Protocol। ये protocol internet में किसी भी file को download या upload करने के लिए use किया जाता है।
Separator
Separator url में अलग अलग भागों को जैसे protocol, domain, subdomain, directory और resources को separate मतलब अलग करने का काम करता है। separator एक चिन्ह होता है जिसे special character भी कहा जाता है। हर url में protocol के बाद colon(:) और double forward(/) slash का use किया जाता है। जैसे https के बाद (://) चिन्ह का use होता है। उसके बाद forward slash(/) को use करके url की और अलग अलग भागों को अलग किया जाता है।
Example : – https://www.gyaanduniya.in/photo.png
यहां पर red color की part को separator कहते है।
Subdomain
URL में protocol के बाद आपको sub domain देखने को मिलता है। जैसे WWW subdomain। URL में WWW subdomain का कोई जरूरत नहीं पर पुराने दिन से ये subdomain use होता आ रहा है इसलिए लोगों को इस का आदत हो गया।
Subdomain सिर्फ www नहीं हों subdomain का नाम कुछ भी हो सकता है। ये main domain से dot से अलग रखा जाता है।
Main domain से subdomain use करके एक नया website बनाया जाता है।
subdomain का कुछ example है
https://www.gyaanduniya.in/
https://hindi.gyaanduniya.in/
इस दोनो url में red color की part को subdomain कहते है।
Domain
Internet में domain किसीभी एक server को या एक या एक साथ बहुत computer की address है।
Domain name को internet में IP address के बदले use किया जाता है। क्योंकि computer ip address से दूसरे computer को खोज पता है पर इंसान कोई ip address को याद नहीं रख पाता इसे अलग अलग website की IP याद रखना नामुमकिन है।
इसलिये इंसान दिमाग लगा के ip address को domain name में बदल दिया। अब लोग domain name type करेगा तो computer उस domain name की ip खोज के उसके उस domain की server के साथ connection बना पायेगा।
Domain के साथ जो .com या .in लगा होता है वह domain name किस तरह की site की है वह दर्शाता है।
Example : – https://www.gyaanduniya.in/what-i.html
यहां पर red color की part को domain कहते है।
यहां पर आपको कुछ domain code की full form बता देते है।
Com – Commercial
In – India
Org – Organization
यहां पर gyaanduniya.in मतलब gyanduniya india की एक website है ये दर्शाता है।
Directory
website की किसी हिस्से को directory कहते है। directory को आप एक गर मान सकते हो। जैसे आपकी बड़ी के अनादर जो गर होता है उसी तरह एक website के अंदर अलग अलग भाग होता है। इस तरह की अलग अलग भाग को directory कहते है।
Website में हर एक directory का एक नाम दिया जाता है। वह नाम url में होता है। जो resources की location को पता करने में मदद करते है।
जब resource website में किसी directory में होता है तब ही directory का नाम url में होता है। पर resource website के ऊपर है तो कोई directory का नाम देखने को नहीं मिलेगा।
आप इस web page की url को देख सकते हो। इस url में आपको कोई directory देखने को नहीं मिलेगा क्योंकि ये main website में है कोई directory में नहीं है।
Example : –
https://www.gyaanduniya.in/internet/internet-kya-hai.html
यहां पर red color की part को directory कहते है।
Resource
Website में क्या है उस चीज को resource कहते है। resource web page, photo, video कुछ भी हो सकता है। हर एक resource का एक नाम या id होता है। url में resource की उस name या id देखने को मिलता है।
Resource नाम के side में .html, .png, .jpg या .mp4 तरह की नाम देखने को मिलता है। ये resource कि format को दर्शाता है। resource किसी webpage है तो उसके अंत में .html लिखा होगा या resource किसी photo है तो उसके अंत मे .jpg या .png लिखा होगा। इस तरह से resource को url में समझा जा सकता है।
https://www.gyaanduniya.in/internet/internet-kya-hai.html
यहां पर red color की part को resource कहते है।
अन्य पढ़े:–
URL कहा होता है?
जब आप कोई भी browser में कोई भी website या webpage open करेंगे तब उस website या web page की url उस webpage की ऊपर url box में मिलेगा।
इस url box से आप उस url को copy कर सकते हो और किसी को भी share कर सकते हो।
URL कैसे खोलें?
किसीभी URL को open करने के लिए कोईभी एक browser जैसे chrome, firefox, mozila browser की जरूरत पड़ेगी। आप कोई भी एक browser को open करके उस browser की url search box में url type करके enter press करोगे तो वह url open हो जाएगा।
आपके whatsapp या कोई भी messenger में आपको कोई एक url share किया तो आप उस url के ऊपर click करके direct कोईभी browser में open कर सकते हो या फिर आप उस url को copy करके browser में paste करके open कर सकते हो।
URL कैसे काम करता है? – How does url work in hindi?
URL kya hai ये जानने के बाद आपके मन मे ये सवाल आये होंगे कि URL kaise kam karta hai? तो आपको इस सवाल का जवाब आपको अछि तरह दे देता हूं।
आपको पहले बता दिया कि url में अलग अलग भाग होता है। वह अलग अलग भागों कि अलग अलग काम होता है।
सबसे पहले जब आप कोई भी browser में कोई भी url type करके enter press करते हो तब वह browser उस url की domain name से DNS के मदद से server की IP address को पता करता है।
Domain name से server कि IP address मिल जाने के बाद Protocol के मदद से उस ip address जिस server की है उस server में एक request भेजता है।
उस URL में जो resource का नाम या ID होता है वह भी server को भेजा जाता है साथ मे आपकी device की IP भी भेज देता है।
उसके बाद server आपकी request के हिसाब से और आप किस data की request किया है वह resource नाम या id से server की database से match करके उस resource या data को पता करते है।
उसके बाद सारे data आपकी device की ip address में भेज देता है और आपको वह data आपकी browser में देखने को मिल जाता है।
इसी तरह url internet में काम करता है।
URL कितने प्रकार की है? – Type of URL In Hindi?
URL ऐसे तो बहुत सारे type की होते है इस मे साबसे popular type की जो सारे url है वह है
- messy url
- Static url
- Dynamic url
1) Messy URL
इस type की url बहुत लंबा होता है और इस तरह की url में letter के साथ number देखने को मिलता है।
Messy url computer के द्वारा बनाया जाता है। जब जब एक domain name के में बहुत सारे content यानी data होंगे तब उन सारे data के लिए computer के द्वार random number और letter देके url बनाया जाता है।
जैसे Youtube में किसी video या channel की url messy url होता है।
Example : – https://youtube.com/channel/UC7bM3SHAyrtEtMYNI2F7Izg
2) Dynamic URL
Dynamic url messy url जैसा ही है पर ये url स्थायी नहीं होती। ये URL user के query के ऊपर बनाया जाता है।
Dynamic url बहुत लंबा होती है और इस type की url में special character जैसे &?+%= इस तरह की symbol का use देखने को मिलता है।
Dynamic url google search में, किसीभी shoping site में दरखने को मिलता है।
Example : – https://www.google.com/search?client=ms-android-xiaomi&hl=en&sxsrf=ALeKk01l3I_Dp_TIJPw-gNyYcwIoFb5irw:1622961357629&q=Dynamic+URL+examples&sa=X&ved=2ahUKEwiAl9KZsoLxAhVV83MBHR_2BhwQ1QIwD3oECAYQAQ&biw=356&bih=607
3) Static URL
Static url एक स्थायी url होती है। इस type की url इंसान के द्वारा manually बनाया जाता है। ये url कभी बदलता नहीं।
इस article की url एक static url है।
Example : –
https://gyaanduniya.in/url-kya-hai.html
Absolute URL और Relative URL क्या है?
जो URL में url की सारे part होता है उस URL को absolute URL कहते है। absolute url को complete url या सम्पूर्ण url भी कहा जाता है। ये url browser में type करके open किया जाता है।
Absolute URL का example है
https://gyaanduniya.in/url-kya-hai.html
जब कोई url में सिर्फ resource की नाम या id होता है टैब उस url को relative url कहते है। ये URL से website के अंदर एक page से दूसरे page link होता है। उस website के permalink से ही इस url को open किया जाता है।
इस तरह की article का example है : –
https://url-kya-hai.html
Secure URL क्या है? – What is Secure URL in Hindi?
जो सारे url में https protocol का use होता है उस url को secure url कहते। इन सारे secure url वाला website में आप आपकी personal जानकारी जैसे आपकी credit card या debit card details देते है तो वह secure होता है और दूसरा कोई चोरी नहीं कर पाता है।
Secure url के सुरु में https protocol होता है और ये url ऐसा होता है https://gyaanduniya.in ।
जिस सारे url secure नहीं होता मतलब जो सारे url की सुरु मैं http का इस्तेमाल है आप उस तरह की unsecured url से दूरी बनाए रखें। और कभी भी इस तरह की unsecured website में आपकी personal details कभी न दे।
Link shortening क्या है?
जब किसी complete बढ़े url को link shortner tool के मददत से short किया जाता है तब उस link या url को shortening link बोलते है।
URL जब बहुत बड़ा होता है तब उस url को share करना मुश्किल होता है। इस लिए url को short करके share किया जाता है।
जैसे एक URL है
https://gyaanduniya.in/ahsydbdkegwhwajjajsgzbzvaj4qhbw2u2b1j1jsbbsbzvxbzjosbxbcbxhxhxhxb
ये url बहुत बड़ा है इस लिए उस url को short करके
https://bit.li/jshdywj1jw
इस तरह छोटा बना दिया जाता है। पर आप यदि इस short link में click करते हो तो अपने browser में वह बड़ा वाला link के open होगा।
अन्य पढ़े: –
Conclusion
आज अपने इस article से शिखा url kya hai और url ka full form kya hai ऑड url meaning in hindi। इस लेख से आपको url के बढ़े में पूरी जानकारी देने की कौशिक की। ये article पढ़के आपको कैसा लगा comment करके जरूर बताना और अच्छा लगे तो अपने दोस्तों के साथ share भी कर देना।