Earth in Hindi | पृथ्वी क्या है, सृष्टि, आकार की पूरी जानकारी

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पृथ्वी, हमारा घर, हमारा मातृ ग्रह। आज आपको इस लेख में इस पृथ्वी के बढ़े में आपको बताऊंगा। पृथ्वी क्या है? (Earth in Hindi), पृथ्वी का जन्म कैसे हुआ, पृथ्वी के बड़े में और भी बहुत आकर्षणीय जानकारी। आप एक पृथ्वी बसी हो तो 😁 आपको पृथ्वी के बड़े में जानकारी लेना चाहिए। इसके अलावा exam के लिए तो बहुत जरूरी है। Competitive exam में तो पृथ्वी से जुड़े सवाल आता रहता हैं। तो आप यदि कोई competitive exam की तैयारी कर रहे हो तो इसे जरूर मन लगाके पढ़ो। तो चलिए सुरु करते है।

पृथ्वी क्या है? – What is Earth in Hindi

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पृथ्वी solar System में मजूत के ग्रह है जो सूर्य (Sun) के चारो और चक्कर लगाता है। सूर्य से दूरी के हिसाब से पृथ्वी तीसरा नंबर पर आता है। इस से सूर्य का औसत दूरी है लगभग 15 करोड़ KM और सूर्य से पृथ्वी तक सूर्य किरण आने में 8.2 Minutes का समय लगता है। 

आकार के हिसाब से ये सूर्यमंडल (Solar System) का पांचवां ग्रह है। सूर्यमंडल में आकार के हिसाब से सबसे बड़ा ग्रह है बृहस्पति जो पृथ्वी से 11 गुना ज्यादा बड़ा है।

पृथ्वी का एक उपग्रह है। वह है चंद्र (Moon)। सौरपरीबर में पृथ्वी ही एक मात्र ग्रह है जहां पर प्राण है।

About Earth in Hindi

  • पृथ्वी को नील ग्रह ( Blue Planet) कहां जाता है।
  • पृथ्वी का त्रिज्या (Radius) है लगभग 6371 KM
  • पृथ्वी का परिधि लगभग 40000 KM
  • पृथ्वी का सबसे ऊंचा जगह है ‘Mount Everest’ जिसका उच्चता 8848 Meter।
  • पृथ्वी का सबसे नीचा स्थान ‘मारियाना खात’ जिसका गहराई 10915 meter।
  • पृथ्वी सूर्य के चारो और अंडाकार पथ पर घूमता है।
  • पृथ्वी का mass (द्रव्यमान) है लगभग 5.9722*10^24 किलोग्राम।

प्रथ्वी का आकार क्या है? – Shape of Earth in Hindi

बहुत दिन पहले मनुष्य को लगता था प्रथ्वी चपटा है। तब कोई aeroplane, कृत्रिम satellite कुछ भी नहीं था। तब प्रथ्वी का आकार जानने के लिए बहुत लोग जल जहाज ले कर पृथ्वी का भ्रमण किया। पर बहुत दिन के बाद जहां से जल जहाज ले कर निकला वही बंदर में वापस आया। इस तरह का बहुत सारे experiment के बाद लोगों ने जाना पृथ्वी गोल है। 

सबसे पहले  aristotle ने बताया की प्रथ्वी गोल है। उसके बाद बहुत सारे scientist ने उसको समर्थन किया।

आज के तारीख में उन्नत technology के मध्यम से ये पता चला की प्रथ्वी गोल है पर पूरी तरह football जैसा गोल नहीं। 

पृथ्वी अपने अक्ष(Axis) पर घूमता है। पृथ्वी लगभग 460m/s के रफ्तार से अपने अक्ष (Axis) पर घूमता है। इसके कारण पृथ्वी के विषुवत रेखा (Equator) बराबर ज्यादा फूला हुआ है और दोनों ध्रुव थोड़े संकुचित हैं। इसलिए इसका आकार आप नींबू की तरह कहां जा सकता है। पर प्रथ्वी का आकार पूरी तरह नींबू की तरह नहीं है। क्युकी पृथ्वी में कही पहाड़ है तो कहीं समुंदर। इसलिए पृथ्वी का आकार एक दम अलग है। इसलिए पृथ्वी का आकार का नाम है जियोइड (Geoid) है।

पृथ्वी का आकार जियोइड (Geoid) है। और जियोइड (Geoid) मतलब ‘पृथ्वी का आकार’।

पृथ्वी का जन्म कैसे हुआ? – How Earth formed?

पृथ्वी का जन्म एक nebula से हुआ। ब्रह्मांड (Universe) में मजूत Gases और Dust का बादल (Cloud) को नेबुला कहां जाता है। इसी तरह एक nebula में मजूत gases और dust gravity के कारण एक बिंदु में इकट्ठा हुए था और इसे बहुत ताप का उत्पन्न हुआ था और सूर्य का जन्म हुआ।

सूर्य का जन्म के बाद सूर्य के चारो और फैला हुआ gas और dust अलग अलग से इकट्ठा होके अलग अलग ग्रह का उत्पन्न हुआ था। इसी तरह प्रथ्वी का भी जन्म हुआ था। 

पहले पृथ्वी के जन्म के बाद पृथ्वी बहुत गरम था और वह gases और dust का बना हुआ था। उसके बाद धीरे धीरे प्रथ्वी ठंडी होने लगी। पृथ्वी के चारो और फैला हुए सघनतम पदार्थ जैसे लोहा पृथ्वी के अंदर जाने लगा और कम घनत्व पदार्थ जैसे gases पृथ्वी के ऊपर रह गया। 

उसके बाद पृथ्वी और ठंडा हुआ और पृथ्वी के ऊपरी हिस्सा जम कर कठिन होने लगा और प्रथ्वी के नीचे का भाग गरम और तरल रह गया। जैसे चाय को बहुत देर तक छोड़ दिया जाए तो चाय के ऊपर एक सख्त परत बन जाती है उसी तरह पृथ्वी के ऊपरी भाग सख्त परत है और पृथ्वी के नीचे गरम तरल पदार्थ है।

पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण पृथ्वी के चारो और वायुमंडल का एक स्तर बन गया।

फिर धीरे धीरे प्रथ्वी जब बहुत ठंड हो गया तब वायुमंडल में मजूत जल वाष्प भी ठंडा होने लगा पानी बन के बारिश के रूप में प्रथ्वी में गिरने लगा। वायुमंडल में मजूत सारे जल वाष्प पानी के रूप में पृथ्वी के ऊपर जमा हुआ और समुंदर का निर्माण किया।

इसी सुमुंदर में सबसे पहले प्राण का जन्म हुआ। उसके बाद धीरे धीरे पृथ्वी में अलग अलग प्राणी का जन्म हुआ और आज का प्रथ्वी बना।

  • पृथ्वी का उत्पत्ति आज से 4.5 Billion साल पहले सुरु हुआ था। 
  • पृथ्वी में 70 भाग सागर और 30 भाग भूमि है।
  • पृथ्वी में मजूत पानी का 97 भाग सागर में मजूत है और बाकी 3 भाग तालाब, नदियाँ, नहरें में मजूत है।
  • पृथ्वी का अलग अलग भागों का नाम है भूभाग या स्थलमंडल या Lithosphere, जलमंडल या Hydrosphere, जीबमंडल या Biosphere, वायुमंडल या Atmosphere

पृथ्वी की गति – Motion of Earth in Hindi

पृथ्वी सौरमंडल का एक ग्रह है। ब्रह्मांड में मजूत हर ग्रह किसी ना किसका चक्कर लगा रहां है और खुद भी घूम रहां है। इसी तरह पृथ्वी भी घूम रहा है। पृथ्वी ये जो घूमता है इसे प्रथ्वी की गति (Motion) कहां जाता है।

पृथ्वी की दो प्रकार की गतियां है – 

  • अबर्तन गति (Rotation)
  • परिक्रमण गति (Revolution)

अबर्तन गति – Rotation of Earth in Hindi

पृथ्वी जब अपनी धुरी(Axis) पर पश्चिम से पूर्व (Anti – Clockwise) के और घूमता है जैसे एक लट्टू की तरह घूमता है। पृथ्वी की इस गति को अबर्तन गति या Rotation कहां जाता है।

  • पृथ्वी 361 KM/S की गति में अबर्तन करता है।
  • पृथ्वी की एक बार अबर्तन गति पूरा करने में 23 घंटा 56 Minutes 4 Seconds या 24 घंटा का समय लगता है।
  • पृथ्वी अपनी काल्पनिक धुरी पर घूमता है।
  • इस गति के कारण पृथ्वी में दिन और रात होता है।
  • इस गति के कारण पृथ्वी का बिशुब रेखा बराबर फूला हुआ है।

परिक्रमण गति – Revolution of Earth in Hindi

पृथ्वी अंडाकार (Elliptical) कक्षा (Orbit) पर सूर्य के चारो और घूमता है। पृथ्वी की इस चक्कर को पृथ्वी का परिक्रमण गति या Revolution कहां जाता है।

  • पृथ्वी 40 KM/S की गति से परिक्रमण करता है।
  • इस गति पूरा करने में पृथ्वी का समय लगता है 356 दिन 5 घंटा 48 minutes 46 Seconds
  • इस गति के कारण पृथ्वी में ऋतु परिवर्तन होता है।
  • Earth अपनी कक्षीय ताल से 23.5° झुक हुआ है।

पृथ्वी कब सूर्य से सबसे दूर और सबसे पास होता है?

आप पहले पढ़ा की पृथ्वी से सूर्य की दूरी औसत 15 crore KM। पृथ्वी से ये दूरी औसत होता है। मतलब पृथ्वी और सूर्य की दूरी fix नहीं है। पृथ्वी से सूर्य का दूरी अलग अलग समय अलग अलग होता है। 

पृथ्वी जिस कक्षा से सूर्य का परिक्रमा करता है उस कक्षा का आकार दीर्घ वृत्ताकार या elliptical है और सूर्य इस कक्षा का बीच में नहीं होता। Focus में में होता है मतलब कक्षा का बीच से दूर होता है। इसलिए सूर्य से पृथ्वी का दूरी बदल ता रहता है।

3 January पृथ्वी से से सूर्य का दूरी सबसे कम होता है। लगभग 147 Million। इसे Perihelion कहां जाता है।

4 July पृथ्वी से से सूर्य का दूरी सबसे ज्यादा होता है। लगभग 152 Million। इसे Aphelion कहां जाता है।

पृथ्वी का अक्षांश और देशांतर – Latitude and Longitude of Earth in Hindi

पृथ्वी हर मनुष्य के लिए बहुत बड़ा जगह है। इसलिए इसका अलग अलग जगह को पता लगाना बहुत मुस्किल था। इसलिए अक्षांश (Latitude) और देशांतर (Longitude) का अविष्कार हुआ। 

Latitude और Longitude इस दोनो काल्पनिक रेखा के अविष्कार होने के बाद पृथ्वी में किसिभी जहां को पता लगाना बहुत आसान हो गया और पृथ्वी में समय का भी पता लगाना आसान हो गया। तो चलिए थोड़ा कुछ इसके बारे में आपको यहां बता देता हु।

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अक्षांश क्या है? – Latitude in Hindi

पृथ्वी के ध्रुवों से समान दूरी पर पूर्व-पश्चिम तक फैली हुई और पृथ्वी को दो बराबर भागों में बांटने वाली रेखा को भूमध्य रेखा या विषुवत रेखा या equator कहलाती है। इस रेखा का मन है 0°। 

विषुवत (Equator) रेखा के उत्तर और दक्षिण ये दोनो तरफ एक ही दूरी है अबथित समानांतर रेखाएं को अक्षांश या Latitude कहां जाता है। दो अक्षांश रेखा का दूरी है 1°। इस तरह दोनो तरफ मतलब दक्षिण में 90° और उत्तर में 90° तक रेखा फैला हुआ होता है। पृथ्वी में कुल अक्षांश का संख्या है 181। 1° अखांश को 60′ (60 Minutes) और एक 1′ को 60″ (60 second) में भाग किया गया।

181 में 7 अक्षांश गुरतबापूर्ण है। वह रेखा है 

0° अक्षांश या बिशुबात रेखा।

23.5° उत्तर अक्षांश या कर्क रेखा या Tropic of Cancer

23.5° दक्षिण अक्षांश या मकर रेखा या Tropic of Capricorn

66.5° उत्तर अक्षांश या arctic रेखा

66.5° दक्षिण अक्षांश या Antarctic Circle

देशांतर रेखा क्या है? – Longitude in Hindi

पृथ्वी के बीचों बीच जो काल्पनिक रेखा पूर्व से पश्चिम के और खींचा गया है वह रेखा को Prime Meridian रेखा कहां जाता है। इसका मन 0° है।

इस रेखा के दोनो तरफ उत्तरी ध्रुव और दंखिनी ध्रुव में मिलने वाले रेखा खींचा गया। वह सारे रेखा को देशांतर रेखा (Longitude Line) कहां जाता है। Prime meridian के पीछे जो देशांतर रेखा है उसका मन है 180°। Prime meridian के दोनो तरफ 179 करके रेखाई होता है। पृथ्वी में कुल 179+179+1(180°) + 1 (0°) = 360 देशांतर रेखा होता है। ये 360 देशांतर रेखा को एक चक्कर होने में 24 घंटे लगता है। मतलब 1 घंटे में (360÷24) = 15° घूमता है। 1° = 4′ (minutes) होता है।

  • उत्तर से दक्षिण दिशा के और खींचा हुए है।
  • देशांतर रेखा अर्ध वृत्त होता है।
  • देशांतर रेखा दोनो द्रुब में आपस में छेद करता है।
  • बिशूब रेखा पर दो देशांतर रेखा का दूरी सबसे ज्यादा है और दोनो द्रुब में दूरी सबसे कम।

अंतराष्ट्रीय समय रेखा क्या है?

पृथ्वी के ऊपर समय का बहुत बड़ा दिक्कत था। किसी जगह का समय नियंत्रण करना बहुत मिलकिल था। दुनिया में अलग अलग जगह पर अलग अलग समय था। इसलिए बहुत दिक्कत होता था।

इसलिए 0° देशांतर को मतलब Prime Meridian को प्रमाण समय मान के पूरी दुनिया Prime meridian का समय को मानता है। मतलब Prime Meridian में 12 होगा तो दुनिया की घड़ी में 12 होगा। इस रेखा England के  London के Greenwich सहर के ऊपर ये रेखा जाने के वजह से इसे Greenwich रेखा भी कहां जाता है। और इसमें जो समय होता है इसे Greenwich Mean Time (GMT) या Greenwich प्रमाण समय कहां जाता है। 

इस 0° रेखा से मतलब GMT से जितना degree पूर्व या पश्चिन में जायेगा उतना 4 minute का फर्क देखने को मिलेगा और 15° में 1 घंटा का फर्क देखने को मिलेगा।

इसलिए Greenwich के हिसाब से सब देश समय स्थिर करेगा तो भी बहुत गरबर होगा। क्युकी अलग अलग देश का देशांतर रेखा अलग अलग है। इसलिए इस GMT के हिसाब से अलग अलग देश अपने हिसाब से किसी एक देशांतर रेखा को प्रमाण समय मान के देश का समय निर्णय करता है। देश बहुत बड़ा हैं तो एक से ज्यादा देशांतर रेखा हों सकता है।

भारत का प्रमाण समय 82°30′ को प्रमाण समय मान के पूरी India में इसका समय को माना जाता है। इसे Indian Standard Time या IST कहां जाता है। मतलब  82°30′ देशांतर रेखा में घड़ी के 12 बजेगा तो पूरी India में 12 बजेगा।

अंतराष्ट्रीय तिथि रेखा क्या है? – International Date Line in Hindi

पृथ्वी के ऊपर जहां से 180° देशांतर रेखा खींचा गया उसी रेखा के ऊपर और एक रेखा खींचा गया। इसे ही अंतराष्ट्रीय तिथि रेखा कहां जाता है। इस रेखा को प्रशांत महासागर के ऊपर खींचा गया। इस रेखा के पर करने पर एक दिन का फर्क हो जाता है। इस रेखा को पूर्व से पश्चिम के और पर करने से एक दिन कम हो जाता है और पश्चिम से पूर्व के और जाने में एक दिन जोड़ा जाता है।

पृथ्वी मे ऋतु परिबर्तन कैसे होता है?

पृथ्वी के परिक्रमण गति के कारण और पृथ्वी अपनी कक्ष ताल से 23.5° झुका होने के वजह से पृथ्वी मे ऋतु परिबर्तन होता है। पृथ्वी का ये जो झुकाब है ये कभी परिबर्तन नहीँ होता। इसके कारण सूर्य रस्मी पृथ्वी के अलग अलग समय अलग अलग angle मे परता है। इसके कारण पृथिवी की अलग अलग part मे अलग अलग ऋतु दिखा जाता है।

पृथ्वी के चार प्रकार का । तु देखा जाता है। वह है ग्रीष्मकाल, शीतकाल, शरत काल और बसंतकाल।

ग्रीष्म संक्रांति (Summer Solstice)

21 June सूर्य किरण पृथ्वी में कर्क रेखा (23.5°) के ऊपर परता है इसलिए इस समय उत्तर गोलार्ध में दिन बड़ा होता है और रात छोटा होता है। इसलिए इस समय उत्तर गोलार्ध में ग्रीष्म काल होता है और दक्षिण गोलार्ध में शीतकाल होता है। इसलिए इस तारीख को ग्रीष्म संक्रांति (Summer Solstice) कहां जाता है

शीतकालीन संक्रांति (Winter Solstice)

22 December सूर्य किरण पृथ्वी के मकर रेखा (23.5°) के ऊपर पड़ता है इसलिए इस समय दक्षिण गोलार्ध में दिन बड़ा और रात छोटा होता है इसलिए दक्षिण गोलार्ध में ग्रीष्म काल होता हैं पर उत्तर गोलार्ध में शीतकाल होता है इसलिए इसे शीतकालीन संक्रांति कहां जाता है

बसंत विषुव (Vernal Equinox)

21 March इस दिन सूर्य की किरणें भूमध्य रेखा पर लंबवत पड़ती हैं इसलिए इस दिन दोनो गोलार्ध में दिन और रात समान होता है इसलिए इसे बसंत विषुव (Vernal Equinox) कहां जाता है।

शारत विषुव (Autumn Equinox)

22 September दिन सूर्य की किरणें भूमध्य रेखा पर लंबवत पड़ती हैं इसलिए इस दिन दोनो गोलार्ध में दिन और रात समान होता है इसलिए इसे शारत विषुव (Autumn Equinox) कहां जाता है।

पृथ्वी के आंतरिक भाग – Interior of The Earth in Hindi

आप पृथ्वी के काल्पनिक रेखा के बारे मे जाना। आब आपको पृथ्वी के आंतरिक भाग के बारे मे बाताऊंगा। 

पृथ्वी का आंतरिक संरचना अलग अलग परत मे बिभाजित है। पृथ्वी का अलग अलग परत को तीन भागों मे बता गया। वह तीन भाग का नाम है भूपर्पटी (crust), लबादा (Mantle) और कोर (core)। 

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भूपर्पटी – Crust in Hindi

पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत को भूपर्पटी या crust काहां जाता है। इसे स्थल माडल भी काहां जाता है। ये पृथ्वी के ऊपरी भाग से उसाद मोटाई है 33 km। ये महाद्वीपीय क्षेत्र मे इसका मोटाई लगभग 40 km है और समुद्र के क्षेत्र मे इसकी मोटाई 5-10 km है। 

ये परत बहुत नाजुक और ठोस होता है। ये अलग अलग प्रकार का खनिज जे बना होता है।

भूपर्पटी का दो भाग है 1) बाहरी भूपर्पटी 2) भीतरी भूपर्पटी  

बाहरी भूपर्पटी Silica और Aluminium से बना है। इसलिए इसे सियाल (SIAL = Si – Silica, Al – Aluminium) कहां जाता है।

भीतरी भूपर्पटी अज्ञेय शिला बासोल्ट शिला से गठित है। इसमें ज्यादा दर Silica और Magnesium से बना है। इसलिए इसे सीमा (SIMA = Si – Silica, Ma – Magnesium) कहां जाता है।

लबादा – Mantle in Hindi 

ये Crust का नीचे का परत है। ये 33 KM से 2900 KM के बीच का परत है। इसमें पृथ्वी का आयतन  का 83% यहां है। इसमें लोहे और Magnesium भरपूर मात्रा में है और ये silicate चट्टानों से बना हुआ है। 

Crust और मेंटल का योग लाइन को मोहो असंबद्धता कहां जाता है।

इस परत के ऊपरी हिस्से का तापमान 200° C है और नीचे 4000° C हैं।

कोर – Core in Hindi

Core पृथ्वी का सबसे भीतरी परत है। ये ज्यादा तर Nickel और लोहा से बनी है इसलिए इसे NIFE कहां जाता है। (NiFe = Ni – Nickel, Fe – Ferrum (लोहा))। इसके दो भाग है वह है बाहरी कोर और भीतरी कोर

बाहरी कोर 2900 KM से 5100 KM तक फैला हुआ है। ये परत तरल अवस्था में होता है। और 5100 KM से नीचे का परत भीतरी कोर है। इसमें पदार्थ ठोस अवस्था में होता है। इसमें Gases भी ठोस अवस्था में होता है। इसका तापमान 5500°C से ज्यादा होता है।

इसी तरह का अलग अलग परत से पृथ्वी का आंतरिक भाग गोठित है। 

पृथ्वी की वायुमंडल – Atmosphere of Earth in Hindi

पृथ्वी का आंतरिक भाग जैसे अलग अलग परत के ठोस पदार्थ से बनी है उसीबतार पृथ्वी के ऊपर बायुमंडल का अलग अलग परत है। पृथ्वी के चारो और गिरे हुए है वायु का अलग अलग परत। इसे ही वायुमंडल कहां जाता है। 

पृथ्वी में वायु मंडल में अलग अलग gases माजूत हैं। जैसे Nitrogen (78.03%), Oxygen(20.99%), Argon (0.932%), Carbon Dioxides(0.03%), जल वाष्प इत्यादि। वायु मंडल के 100% आयतन का 97% भूभाग से 37 KM ऊंचाई तक मजूत है।

पृथ्वी की वायुमंडल को 5 भागो में भाग किया गया है। वह 5 भाग का नाम है 

  • ट्रोपोस्फर (Troposphere)
  • स्ट्रेटोस्फीयर (Stratosphere)
  • मेसोस्फेयर (Mesosphere)
  • थार्मोस्फेयर (Thermosphere)
  • इकॉस्फर (Exosphere)

ट्रोपोस्फर (Troposphere)

  • भूभाग से 8 KM/16 KM ऊपर तक ये भाग मजूत है। 
  • इस भाग में बदल, कोहरा, वर्षा, तूफ़ान ईत्यादि मौसम की घटना यहां होता है।
  • इस स्तर में ऊंचाई बढ़ ने पर तापमान भी ज्यादा होता है।
  • इसके ऊपर एक पतली और एक परत है इसे Tropopause कहां जाता है।

स्ट्रेटोस्फीयर (Stratosphere)

  • Troposphere के ऊपर ये स्तर हैं।
  • 8/16 KM से 50 KM ऊपर तक इसका फैलाव है।
  • इसमें कोई बदल, कोहरा, वर्षा, तूफ़ान ईत्यादि मौसम की घटना नहीं होता। ये स्तर बहुत संत होता है।
  • इस स्तर से Aeroplane जाता है।
  • इस स्तर में 15 से 25 KM तक Ozone gas (O3)का एक स्तर होता है जो सूर्य से आनेवाली UV Rays (Ultraviolet Rays) को शोख लेता है और पृथ्वी को रक्षा करता है।
  • इस स्तर में ऊंचाई बड़ने पर तापमान घाट ता है।
  • इसी ऊपर एक पतला स्तर होता है उसे Stratopause कहां जाता है।

मेसोस्फेयर (Mesosphere)

  • ये स्तर 50 KM से 80 KM तक है।
  • इस स्तर में तापमान 0° से – 90° तक कम हो जाता है।
  • mesosphere के ऊपर एक पतली स्तर होता है जो mesosphere को Thermosphere से अलग करता है इसे Mesopause काहां जाता है।

थार्मोस्फेयर (Thermosphere)

  • ये mesosphere के ऊपर 80 km से 640 km तक फैला हुआ है।
  • इसमे उचाई बाड़ने से तापमान भी ज्यादा होता है।
  • इस परत को Ionosphere भी काहां जाता है। क्योंकि इस परत मे हवा का अनु ionised आबस्था मे स्थित होता है।
  • इस परत से Radio waves reflect होता है। 

इकॉस्फर (Exosphere)

  • ये परत सबसे ऊपर है और ये last layer है।
  • ये Thermosphere से 1000 km तक फैला हुआ है। 
  • इस layer मे तापमान 5560℃ तक हो जाता है पर ये तापमान महसूस नेहीं होता।

FAQ in Hindi

पृथ्वी का आकार क्या है?

Ans) पृथ्वी का आकार है Geoid।

पृथ्वी की तीन परतें कौन सी है?

And) Crust, Mantle, Core

नील ग्रह किसे कहां जाता है?

Ans) पृथ्वी को

पृथ्वी के वायुमंडल में कितने स्टार है?

Ans) पृथ्वी के वायु मंडल में 5 स्तर है।

पृथ्वी की वायु माडल के किस स्तर में हबायजहाज चलता है?

Ans) Stratosphere में

पृथ्वी की घूर्णन गति कितनी है?

Ans) 361 KM/Sec

पृथ्वी किस दिशा में घूमती है?

Ans) पश्चिम से पूर्व की ओर।

पृथ्वी की कितने गति है?

Ans) दो। अबर्तन गति और परिक्रमण गति।

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Conclusion

आज की इस लेख से आपने जाना पृथ्वी के बड़े मे। इस लेख मे आपने पड़ा पृथ्वी क्या है? (Earth in Hindi), पृथ्वी के संरचना, बेउमंडल, अक्षांश और देशान्तर रेखा इत्यादि। उमीद है इस लेख को पड़ने के बाद पृथ्वी के बारे अच्छा खासा जानकारी मिली है। सायद ये लेख आपके लिए बहुत helpful साबित होगा।

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